Pages

Thursday 10 October 2013

Overnight Love and Sex..

आखिर वो रात आ गई जब में आपके साथ आपके बिस्तर में थी। अब तक आपने मुझसे सिर्फ दिन में ही सेक्स किया था। पर अब हम रात में साथ थे। अपनी सहेली के भाई  की शादी  से में आपके पास पहुच गई थी। मुझे देखते ही आपने मुझे गले लगा से लगा लिया, मेरे स्तनों को दबा कर मेरे होठो को चूसने लगे थे। आज मेने लहंगा चोली पहना हुआ था। ठीक वैसे ही जैसे दुल्हन पहनती हे। सच आज रात में आपकी दुल्हन थी। आपने मेरे स्तन, कमर और नितम्बो को दबाते हुए मुझे नंगा कर रहे थे। आज रात के अँधेरे में मै आपके शिश्न की दासी थी। आज सारी रात आप मुझसे सेक्स करते रहे। हर सेक्स के कुछ देर बाद ही आप फिर सेक्स के लिए तयार हो जाते थे। सच सैफी आज की रात मै आपकी पत्नी थी और आप मेरे पति। आज मेने एक पत्नी की तरह आपके पैर दबाये, आपकी हर सेवा की।आपके के हुक्म पे आज हमने आपके शिश्न का लाल फूल अपने मुह में लिया। आज आपने मेरे कमसिन स्तनों को रगड़ लाल कर चुके थे। आपकी इस बेरहमी ने आज कई बार  मेरी आँखों से आंसू निकाले। सच सैफी मुझे आपके   सेक्स का वो तरीका बहुत अच्छा लगा जब आपने अपने कंधे पर म्रेरी टांगो को रखा कर अपने शिश्न का प्रहार मेरी योनि पर कर रहे थे। मै आपके इस अंदाज़ से दर्द से कराह रही थी और पूरी रफ़्तार से मुझसे सम्भोग कर रहे थे।  सच मेरे होने वाले पति जी, मेरे सैफी आज की रात आपने  मुझसे कई बार सम्भोग करके यादगार बना दी। और सबसे यादगार  है जब आज आपने   बाथरूम  में पानी के फव्वारे के निचे मुझ से सेक्स किया।         

No comments:

Post a Comment