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Wednesday 9 October 2013

The Love..

सैफी क्यों मेरा ये जिस्म आपकी मजबूत बाहों में पिघलने  है। क्यों मै आपकी बाहों में सहमती, सिकुड़ती रहती हूँ। अब तो आप मुझसे बेहिचक गंदी बातें करते है। ऐसी बातें जो मैने आज तक कभी नहीं सुनी थी, अब वो बातें में अक्सर सुनती हूँ आप  मेरे जिस्म के विशेष अंगो को अश्लील नामो से बुलातें है। सच कहूँ प्रियतम तो अब ये सब आपके होठों से सुनने में मुझे अच्छा लगता है। आप मेरे सीने के उभारों को जब चूचियां कहते हैं तो में शर्म से लाल हो जाती हूँ। अब तो जब भी मै आपके साथ अकेली होती हूँ आप मुझे पूरी तरह से नंगी करके अपनी बाहों में दबोचते मसलते रहते है।  आप सम्भोग से पहले मेरे  हाथों से अपने शिश्न पर कंडोम लगवाते हैं, मुझे शर्म आती हे पर अच्छा भी लगता हे। सैफी सच कहूँ तो आपके मुस्लिम शिश्न ने मेरी योनि की हालत ख़राब करके रक्खी हुई है।  आप बिस्तर पर मुझे रगड़ कर रख देते हैं, अच्छा लगता है। सैफी अब मै अक्सर अपने  जिस्म में एक महक महसूस करती हूँ, मेरे प्रियतम आपकी महक है वो।    

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